पिता
बरगद से अडिग पिता, सदा ही घर की शान रहे।
बढ़कर उनसे दिखा न जग में जिसे हस्ति महान कहें।
कभी न थके वो कभी न रुके हैं, ऐसी अनोखी शक्ति हैं।
हलचल भरे घर में पिता तो ख़ामोश अभिव्यक्ति हैं।
पिता ही मान,पिता अभिमान, पिता से मिलती पहचान यहां,
माँ गर है धरती अपनी तो ,पिता हैं अपने आसमान यहां।
पिता से संवरता बचपन अपना,समुद्र सा गहरा प्यार है जिनका,
बच्चों के लिए संघर्षरत निरन्तर,गगन से ऊंचा अरमान हैं इनका
संकट के बादल जब भी छाए, पिता हमेशा साथ रहे ,
ख़ुशी...
बढ़कर उनसे दिखा न जग में जिसे हस्ति महान कहें।
कभी न थके वो कभी न रुके हैं, ऐसी अनोखी शक्ति हैं।
हलचल भरे घर में पिता तो ख़ामोश अभिव्यक्ति हैं।
पिता ही मान,पिता अभिमान, पिता से मिलती पहचान यहां,
माँ गर है धरती अपनी तो ,पिता हैं अपने आसमान यहां।
पिता से संवरता बचपन अपना,समुद्र सा गहरा प्यार है जिनका,
बच्चों के लिए संघर्षरत निरन्तर,गगन से ऊंचा अरमान हैं इनका
संकट के बादल जब भी छाए, पिता हमेशा साथ रहे ,
ख़ुशी...