...

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यादों का लिफ़ाफा

सुबह सुबह ही आई यादों की चिट्ठी
क्या करू इस लिफाफे का
खट्टी मीठी इन यादों की चिट्ठी का
कुछ मीठी कुछ कड़वी यादें
याद दिलाती अन पलो का,
आसू भरे
मुस्कान भरे
कभी मिलने की खुशी भरे पल
कभी बिछड़ने का गम
तेरी याद भरा वह लिफ़ाफा
तेरी हसीं तेरी मुस्कान
न भूलने वाली वह बातें
बस मन ही मन यह बोलती
अब ना भेजना यह लिफ़ाफा,
तू ही आना जरा जल्दी आना
तेरी याद आए उसके पहले ही आ जाना,
फिर चल पड़ी सहेजने यादों के लिफाफे को
कभी ना खत्म होने वाले इंतजार के साथ...