मुक्ता
#जाने-दो..!
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
उसका क्या रोना रोते हो
उसकी बाट क्या जोते हो
वो लौट कर अब न आयेगा
इस रूदन में तू क्या पाएगा ?
हां! जा चुका
वो जा चुका
नैनों में नीर
वो ला चुका
कब तक...
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
उसका क्या रोना रोते हो
उसकी बाट क्या जोते हो
वो लौट कर अब न आयेगा
इस रूदन में तू क्या पाएगा ?
हां! जा चुका
वो जा चुका
नैनों में नीर
वो ला चुका
कब तक...