...

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कल की पुकार
कल का कोई भरोसा नहीं पंथी कल तो कल का ख्वाब हुआ पंथी जो है वह तेरा आज हुआ पंथी पर हाय वही तेरे जीवन का मलाल हुआ पंथी कल का कोई भरोसा नहीं पंथी कल तो कल का ख्वाब हुआ पंथी आज जीवन की जिस राह पर तू है. कल जिस पथ पर था वह तो धू धू है अरे यही तो तेरे मन का सवाल रहा पंथी क्योंकि कल तो कल का ख्वाब रहा पंथी तूने तो कल को देखा आज को बिसरा तब आज चीख चीख कर पुकार रहा पंथी जो मन की ठनक है वह आज ही निकाल जा क्योंकि कल तो कल का ख्वाब हुआ पंथी
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