...

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आँखे

तरह के जज़्बात का ऐलान है आँखें,
शबनम कभी शोला कभी तूफान है आँखें।

आंखों से बड़ी कोई तराजू नहीं होती,
तुलता है बशर जिसमें वो मीज़ान है आँखें।

आँखे...