...

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प्यार ख़ामोशी के बोल‌ है।
नज़रें हजारों से मिलती है,
मोहब्बत थोडे हो जाती है।
बातें सैकड़ों से होती रहती है
थोड़े दिल की लगी हो जाती है।
मोहब्बत तो रब की इनायत है
प्यार वहां पनपता जहां वार्तालाप
के बीच ख़ामोशी पढ़ ली जाती है।
ये इश्क एक से ही बार बार होती है
हर किसी से हो वो इश्क थोडे कही जाती है।
© Sunita barnwal