"राही "
सफर बाकी है अभी थोड़ा और यारा,
बस पलभर की ये खामोशी है,
इंतजार है मुझे भी उस दौर तबाही का,
जो सुनने में अक्सर आता है,
तुझसे ना होगा ये फतेह राही,
बस उसका मसला...
बस पलभर की ये खामोशी है,
इंतजार है मुझे भी उस दौर तबाही का,
जो सुनने में अक्सर आता है,
तुझसे ना होगा ये फतेह राही,
बस उसका मसला...