बेहद खुशियां बेहद प्यारें हैं
बेहद खुशियां
बेहद प्यारें हैं
आंखों में एक
नयनचुंबी सितारें हैं
जिसके लिए
यह दिल तक हारें हैं
जिन्हें
यह नश्वर शरीर पुकारें हैं
बेहद खुशियां ,,,,,,,,
उन्हें कैसे भूलाउं
जो लगते आंखों के तारे हैं
वह लजीज चेहरा
बहुत प्यारें हैं
बेहद खुशियां ,,,,,,,,
उसे चाहता हूं
उसमें चाहत के गुण सारे हैं...
बेहद प्यारें हैं
आंखों में एक
नयनचुंबी सितारें हैं
जिसके लिए
यह दिल तक हारें हैं
जिन्हें
यह नश्वर शरीर पुकारें हैं
बेहद खुशियां ,,,,,,,,
उन्हें कैसे भूलाउं
जो लगते आंखों के तारे हैं
वह लजीज चेहरा
बहुत प्यारें हैं
बेहद खुशियां ,,,,,,,,
उसे चाहता हूं
उसमें चाहत के गुण सारे हैं...