sapna
हंसी सुहानी शाम ढली अंधेरों ने आकर घेरा था
रात हुई धीरे-धीरे नींदों ने डाला डेरा था
तभी अचानक धीरे से सपनों ने दस्तक दे डाली
वात्सल्य भरे प्यारे आंचल की दिखने लगी परछाई
फिर कोमल कोमल हाथों की सहल आहट महसूस हुई ऐसा लगा मानो बरसों की थकावट दूर हुई
धीरे से हवा के झोंके ने जब...
रात हुई धीरे-धीरे नींदों ने डाला डेरा था
तभी अचानक धीरे से सपनों ने दस्तक दे डाली
वात्सल्य भरे प्यारे आंचल की दिखने लगी परछाई
फिर कोमल कोमल हाथों की सहल आहट महसूस हुई ऐसा लगा मानो बरसों की थकावट दूर हुई
धीरे से हवा के झोंके ने जब...