...

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मेरी माँ
माँ वो मूर्त है जिसकी मैं काया हूं
माँ की ममता का ही तो मैं साया हूं
माँ के चरणों की धूल हूं मै तो
माँ की कोमल माया हूं
तेरे वरदान से ही हर मोड़ पर जीत मैं आया हूं
इसीलिए मैं तेरे आगे अपना शीश झुकाया हूं