...

9 views

सुनो मेरी तन्हाई
सुनो मेरी तन्हाई, क्यूं ले रही हो विदाई।
क्या हुआ जो भर गया दिल मुझसे,
तुम तो साथ थी ना जाने कब से।
तुम्हें भी किसी का साथ पसंद आ गया क्या,
जो कभी मेरे साथ थे वो रास आ गया क्या।
देखो उसके जैसे जाने की जिद ना करो,
हमेशा से पास थी तो पास ही रहो।
माना की ऋतु बदलती है नए पत्ते आते हैं शाखाओं से,
लेकिन रिश्ते तो नहीं बदल जाते हैं ना हवाओं से।
तू भी वादा करके अब मुकरने लगी,
प्रेम क्या है ये सब समझने लगी।
प्रेम की बातें हैं बातों में क्या लड़ाई,
सुनो मेरी तन्हाई, क्यूं ले रही हो विदाई।