अधूरी सी मोहब्बत
जिसे चाहा गर वो ही मिल गया होता
अदना सा आदमी मैं खुदा न बन गया होता
बेहतर हुआ ये गुमनाम रिश्ता बनता बनते रुक सा गया
गर चलता तो कहानी बन गया होता
बेहतर हुआ सिलसिला तेरी यादों का तमाम उम्र बस यादों में है
हकीकत में होता तो कारोबार बन गया होता
चाहत रहेगी जवान तमाम उम्र इसी सोच में
काश वो मुझे मिल गया होता💗🥰
अदना सा आदमी मैं खुदा न बन गया होता
बेहतर हुआ ये गुमनाम रिश्ता बनता बनते रुक सा गया
गर चलता तो कहानी बन गया होता
बेहतर हुआ सिलसिला तेरी यादों का तमाम उम्र बस यादों में है
हकीकत में होता तो कारोबार बन गया होता
चाहत रहेगी जवान तमाम उम्र इसी सोच में
काश वो मुझे मिल गया होता💗🥰