मुशीबतें
मुशीबतें लाख तोड़ी कमर मेरी मगर परेशान नहीं हुआ।
तेरे घर के बगल में घर था मेरा भी ,मगर कोई जाम ना हुआ।
ना तुझसे ईश्क था मुझको नहीं कोई शिकायत...
तेरे घर के बगल में घर था मेरा भी ,मगर कोई जाम ना हुआ।
ना तुझसे ईश्क था मुझको नहीं कोई शिकायत...