!...हकीकत कुछ और है...!
देख कर आया है कैलाश को फिर ढोंगी
दूषित गंगा से पवित्र करता है मन योगी
माला लिए जपते है जाप हजारों भोगी
नफरतो तैश में रहता है यहां पर जोगी
लाशों से...
दूषित गंगा से पवित्र करता है मन योगी
माला लिए जपते है जाप हजारों भोगी
नफरतो तैश में रहता है यहां पर जोगी
लाशों से...