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जिंदगी की जंजीरें
#जंजीर
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
ज़िंदगी की राह पर।
जंजीरों से जकड़े है,
भय से लब सिले हैं,
चल रहे है फिर भी हम,
देखो जिंदगी की राह पर।
जी रहे है अँधेरों में,
पर अब वक्त आया है,
मोड़कर खुद को,
लबों से बोलकर,
अब चलना है अपनी शर्तों पर,
देखो ज़िंदगी की राह पर।
© RooHi
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
ज़िंदगी की राह पर।
जंजीरों से जकड़े है,
भय से लब सिले हैं,
चल रहे है फिर भी हम,
देखो जिंदगी की राह पर।
जी रहे है अँधेरों में,
पर अब वक्त आया है,
मोड़कर खुद को,
लबों से बोलकर,
अब चलना है अपनी शर्तों पर,
देखो ज़िंदगी की राह पर।
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