...

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दोबारा समझ लूं
हमारे इजहार पे यूं झुकाएं नजर तुम
क्या इसे इकरार का इशारा समझ लूं

बेतहाशा कल कहा अब मोहब्बत ना करेंगे
पर अब लगता है इश्क दोबारा समझ लूं

अदाओं में जानी कैसा नशा है मरहबा
दिल कहे अब तुझको सहारा समझ लूं

पहली दफा भी इश्क तुमसे था ओ हमनशी
फिर इक दफा लगता है तेरा इश्क दोबारा समझ लूं

वाकिफ हैं गम ए इश्क से पर गिर जाने का शौक है
दिल कहे दरिया ए इश्क में तुम्हे किनारा समझ लूं

कोई तालीम दें तो दिल उसको मुर्शिद बना लें
बस इक बार में इश्क सारा का सारा समझ लूं

पहले जो इश्क गवारा ना हुआ इस दिल को था
पर देखा जो तुझको तो लगा इश्क दोबारा समझ लूं







© utsav kuldeep