दोबारा समझ लूं
हमारे इजहार पे यूं झुकाएं नजर तुम
क्या इसे इकरार का इशारा समझ लूं
बेतहाशा कल कहा अब मोहब्बत ना करेंगे
पर अब लगता है इश्क दोबारा समझ लूं
अदाओं में जानी कैसा नशा है मरहबा
दिल कहे अब तुझको सहारा समझ लूं
पहली दफा भी...
क्या इसे इकरार का इशारा समझ लूं
बेतहाशा कल कहा अब मोहब्बत ना करेंगे
पर अब लगता है इश्क दोबारा समझ लूं
अदाओं में जानी कैसा नशा है मरहबा
दिल कहे अब तुझको सहारा समझ लूं
पहली दफा भी...