स्वप्नों का द्वंद्व ! | Shiv Yogi 🪶
#सपनेऔरदुःस्वप्न
एक स्वप्न में देखा मैंने, स्वर्ग सा जहाँ,
प्रेम की बूँदें बरसतीं, बसी हो जहाँ।
हरी-भरी वादियों का आलिंगन,
निर्मल झीलों का हो जहां संगम।
नीले आसमान में उड़ते परिंदे,
खुशियों के गीत गाते,
चाँदनी रात की मखमली चादर,
प्रकृति की गोद में सुकून पाते।
हर एक कदम था वहाँ सुहाना,
जीवन जैसे एक मधुर तराना।
तारों की छाँव में...
एक स्वप्न में देखा मैंने, स्वर्ग सा जहाँ,
प्रेम की बूँदें बरसतीं, बसी हो जहाँ।
हरी-भरी वादियों का आलिंगन,
निर्मल झीलों का हो जहां संगम।
नीले आसमान में उड़ते परिंदे,
खुशियों के गीत गाते,
चाँदनी रात की मखमली चादर,
प्रकृति की गोद में सुकून पाते।
हर एक कदम था वहाँ सुहाना,
जीवन जैसे एक मधुर तराना।
तारों की छाँव में...