...

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देखता हूँ तुम्हें
हरपल देखता हूँ तुम्हे,
महसूस करता हूँ तुम्हे।

जब तुम सांस लेती हो,
जब तुम आहें भारती हो।
जब तुम कहीं जाती हो,
जब तुम कुछ गाती हो ।
जब तुम कुछ देखती हो,
जब कुछ सोचती हो।
हरपल देखता हूँ तुम्हे,
महसूस करता हूँ तुम्हे।

जब तुम हंसती हो,
जब तुम शर्माती हो।
जब तुम मुझे याद करती हो,
जब तुम कागज पर लिखती हो।
लिखकर मुझे दिखाती हो
कि मुझसे प्यार करती हो।
हरपल देखता हूँ तुम्हे,
महसूस करता हूँ तुम्हे।
संजीव बल्लाल ४/५/२०२३
© BALLAL S