सिलसिला चाहत का✍️✍️✍️❤️
चाहतों का सिलसिला थम सा गया है,
ये पागल दिल अब संभल सा गया है....
जब से दिया है तूने तोहफा इसे रुसवाई का,
ये टूटा नहीं है अब संवर सा गया है...
सांसे अब खास नहीं लगती,
हवा में...
ये पागल दिल अब संभल सा गया है....
जब से दिया है तूने तोहफा इसे रुसवाई का,
ये टूटा नहीं है अब संवर सा गया है...
सांसे अब खास नहीं लगती,
हवा में...