6 views
मयखाने
#मयखाने
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
रुसवार सी हुई हैं सर्द रातें
छलके छलके से पैमाने हैं
हिज्र में तेरे जब जिक्र तेरा छिड़ जाता हैं,
बुझ जाती है ,शमा
बेरुख से शामियाने हैं,
किस्से अब महफिलों में हमारे इश्क के
होते नहीं,मानो खो चुके हैं पहचान अपनी,
ये भी खफा हैं हमसे,शौक इनके भी अनजाने हैं
💕💕💕💕💕💕💕💕💕✍️✍️✍️💐💐💐💐🔥
#love #desire#hope#मयखाने#पैमाने
© desire
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
रुसवार सी हुई हैं सर्द रातें
छलके छलके से पैमाने हैं
हिज्र में तेरे जब जिक्र तेरा छिड़ जाता हैं,
बुझ जाती है ,शमा
बेरुख से शामियाने हैं,
किस्से अब महफिलों में हमारे इश्क के
होते नहीं,मानो खो चुके हैं पहचान अपनी,
ये भी खफा हैं हमसे,शौक इनके भी अनजाने हैं
💕💕💕💕💕💕💕💕💕✍️✍️✍️💐💐💐💐🔥
#love #desire#hope#मयखाने#पैमाने
© desire
Related Stories
11 Likes
0
Comments
11 Likes
0
Comments