जीने का हक़
जीने का हक़ तुम
देती मुझको तो
मैं भी जी जाता
यूँ खून के
आँसू रुलाए
तुमने अब मुझसे
साहा नहीं...
देती मुझको तो
मैं भी जी जाता
यूँ खून के
आँसू रुलाए
तुमने अब मुझसे
साहा नहीं...