21 दिन यू गुज़र जाएंगे
21 दिन, यू गुज़र जाएंगे
ये जंग भी हंसते-हंसते जीत जाएंगे
अपनों के साथ लम्हें यू गुज़र जाएंगे
रूठो को अच्छे से मना पाएंगे
21 दिन गुज़र यू गुज़र जाएंगे।
अपने मकान में घर की खुशबू ढूंढ़ पाएंगे
दीवारों में परिवार के रंग घुल जाएंगे
21 दिनों में पिछले 21 साल की यादें लहराएंगे
21 दिन तो यू गुज़र जाएंगे।
किसी भूले हुए से खूब बतियाएगे
किसी को खुद की याद दिलाएगे
अपने मन के पन्ने के ख़त को किसी के दिल के डाकघर तक पहुंचाएंगे।
फिर से अंताक्षरी की महफ़िल सजाएंगे
खुल आसमां के नीचे सपनों को संजो पाएंगे
वक़्त को वक़्त से भी तेज़ चलाएगे
ये 21 दिन तो यूं ही गुज़र जाएंगे।
कोई हमें भले ही ना समझें,
ना हम किसी को जाने
हम तो अरसे बाद इस सच्चे आइने से गप्पे लड़ाएंगे
कम से कम इन इक्कीस दिनों में खुद को तो समझ ही जाएंगे,
ये 21 दिन तो यू ही गुज़र जाएंगे।
हम ये जंग हंसते-हंसते भी जीत जाएंगे।
#WritcoPoemChallange #coronavirus #poem
ये जंग भी हंसते-हंसते जीत जाएंगे
अपनों के साथ लम्हें यू गुज़र जाएंगे
रूठो को अच्छे से मना पाएंगे
21 दिन गुज़र यू गुज़र जाएंगे।
अपने मकान में घर की खुशबू ढूंढ़ पाएंगे
दीवारों में परिवार के रंग घुल जाएंगे
21 दिनों में पिछले 21 साल की यादें लहराएंगे
21 दिन तो यू गुज़र जाएंगे।
किसी भूले हुए से खूब बतियाएगे
किसी को खुद की याद दिलाएगे
अपने मन के पन्ने के ख़त को किसी के दिल के डाकघर तक पहुंचाएंगे।
फिर से अंताक्षरी की महफ़िल सजाएंगे
खुल आसमां के नीचे सपनों को संजो पाएंगे
वक़्त को वक़्त से भी तेज़ चलाएगे
ये 21 दिन तो यूं ही गुज़र जाएंगे।
कोई हमें भले ही ना समझें,
ना हम किसी को जाने
हम तो अरसे बाद इस सच्चे आइने से गप्पे लड़ाएंगे
कम से कम इन इक्कीस दिनों में खुद को तो समझ ही जाएंगे,
ये 21 दिन तो यू ही गुज़र जाएंगे।
हम ये जंग हंसते-हंसते भी जीत जाएंगे।
#WritcoPoemChallange #coronavirus #poem