किस्सा बनने नहीं दूंगी
नहीं लिखनी मुझे इश्क़ की दास्तां
मगर अपनी मोहब्बत को किस्सा नहीं बनने दूंगी
इश्क़ बड़ी शिद्दत से निभाया था
यूं भरे बाजार में उसे बिकने नहीं दूंगी
इल्जामों की हकीकत क्या है और कौन...
मगर अपनी मोहब्बत को किस्सा नहीं बनने दूंगी
इश्क़ बड़ी शिद्दत से निभाया था
यूं भरे बाजार में उसे बिकने नहीं दूंगी
इल्जामों की हकीकत क्या है और कौन...