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madhoshi
(1)
जहां चाहात वही चाहने वाले भी मिल जाते हैं,
जहां राहत हो वही राहत देने वाले भी मिल जाते हैं,
बहुत कम जर्फ है जमाने की कमजोरियां,
गमज़दा को बहुत मयखाने भी मिल जाते हैं..!!
(2)
ना तू खराब ना मैं खराब,
नाम जब मुझको दिया तूने शराब,
गुफ्तगू यूं की बहुत दिल के करीब,
नज़रों ने पर मान लिया तुझको शबाब!!!
© divu
जहां चाहात वही चाहने वाले भी मिल जाते हैं,
जहां राहत हो वही राहत देने वाले भी मिल जाते हैं,
बहुत कम जर्फ है जमाने की कमजोरियां,
गमज़दा को बहुत मयखाने भी मिल जाते हैं..!!
(2)
ना तू खराब ना मैं खराब,
नाम जब मुझको दिया तूने शराब,
गुफ्तगू यूं की बहुत दिल के करीब,
नज़रों ने पर मान लिया तुझको शबाब!!!
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