जिंदगी
जिंदगी जिंदगी न रही,
खुश रहने की कोई वजह न रही।
सब कुछ होकर भी,
है नहीं अब कुछ भी।।
जिंदगी में मौज़ मस्ती न रही,
जो माँगा वो हासिल हुआ नहीं।
बस अब पाने की कोई उम्मीद न रही,
जिंदगी जिंदगी न रही।।
© pooja
खुश रहने की कोई वजह न रही।
सब कुछ होकर भी,
है नहीं अब कुछ भी।।
जिंदगी में मौज़ मस्ती न रही,
जो माँगा वो हासिल हुआ नहीं।
बस अब पाने की कोई उम्मीद न रही,
जिंदगी जिंदगी न रही।।
© pooja