...

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बेटे
बेटियां नसीब से तो
बेटे दुवाओं के बाद आते हैं,
अजी हम लड़के है जनाब
हम कुछ जिम्मेदारियो के साथ आते है।

आधी उम्र जिम्मेदारियां
समझने में गुजर जाती है
तो आधी उसे निभाने में,
पूरा बचपन किताबो में
गुजर जाता है तो
जवानी कमाने में।

ये जिम्मेदारिया
उम्र के साथ बढ़ती है
ये बुढ़ापे में भी कम नही होता,
अजी कौन कहता है जनाब
हम लड़को की जिंदगी में
गम नही होता.....
© sharma