...

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दुनियादारी
RAAJ PREEET

मुस्कुरा ते हुए चेहरे अक्सर राज गहरे छिपा जाते है
जिन्दगी से जाने वाले जिन्दगी जिना सिखा जाते है
हम नही है किसी के काबिल बात अलग है दोस्त
PREEET अकेलेपन के आदि बस जिन्दगी यू ही बिता जाते है
तुम पढती हो हम लिखते है बस इतना तो तालुक है तुमसे
जिनकी दरखतों की जडों मे दीमक लग जाती
पते उस दरख्त के अपना रंग बदला जाते है
बड़े बुजुर्गों को आजकल घर मै पूछता ही कौन है PREEET
बस एक वीरान कमरे मै बेटे चारपाई बिछा जाते है
बच्चे बडे हो गये है व्यवहार बदल गये है ज्ञान कुछ है नही
सर से दुपट्टा उतार कर इज्जत मिटटी मे मिला जाते है
संस्कारों की कमी है माँ बाप ने सिखाई है
बेटी बडी हो गई है जुबां सामने से लड़ाई है
PREEET बस लिखाई है कोन समझाने से समझता है
बातों मे सच्चाई भरी होती है पर लोग PREEET की हंसी तक उड़ा जाते है
आजकल का प्यार है OYO का होटल तैयार है
आईडी प्रूफ बस देना है चन्द पलों का सवाद लेना है
पर PREEET उसके बाद की बात न्यारी है
लडकी को कहाँ इज्जत प्यारी है
कालेज के तो बहाने है अपने आशिक...