...

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परिंदें हम जहां में...🕊️
परिंदे हम जहाँ में,
मंजिलों के दिवाने...
उड़ानों से क्या डर हैं,
हौसलों के हैं इरादें !!

ना रूकते कदम,
बढते हरदम...
मर,मिट जाने से,
पीछे हटते ना हम !!

चट्टानों सा लढते हैं,
पहाडों से ना कम...
तुफानों के भांति हम,
उड़ा देते हैं गम !!

परिंदे हम जहाँ में,
मंजिलों के दिवाने...
उड़ानों से क्या डर हैं,
हौसलों के हैं इरादें !!!

© Gautam