...

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माफ़ी
माफ करना ए दोस्त हम दोस्ती निभा ना सके,
चाहा बहुत आना लौटकर पर आ ना सके!

जंग चल रहीं थी जिंदगी और मौत की,
पार जिंदगी से हम पा ना सके!

इंतजार था तुम्हे आने का मेरे पर हम,
उस इंतजार का सिला तुम्हे दे ना सके!

तमन्ना थी दिल की उड़ कर आ जाऊ,
पर दर्द ए दामन से पार पा ना सके!

वादा किया था लौट कर आउंगी ,
तुम इंतजार ना करोगे यह जान न सके !

मिल गया होगा कोई मुझसे अच्छा तुम्हे,
हम अपना वजूद तुम्हारे दिल में बना ना सके!!
© Pearl