रात गुजर करता क्यूं है??
आसुओं को पिरोकर
एक हार बना लेंगे
तेरे संभलने से पहले
खुद को संभालने का झूटा सा इंतजाम भी कर लेंगे
हर शहर की खाक छान लेंगे
मगर तुझको ना अब उस रूप मै नजर नहीं...
एक हार बना लेंगे
तेरे संभलने से पहले
खुद को संभालने का झूटा सा इंतजाम भी कर लेंगे
हर शहर की खाक छान लेंगे
मगर तुझको ना अब उस रूप मै नजर नहीं...