...

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मिला हूं तुमसे जब से...
मिला हूं तुमसे जब से,खोने लगा हूं तब से..

ना दिन का पता होता,ना रात की फिकर होती है,
जहां नजर होती है, तस्वीर तुम्हारी होती है।

तुमने कर दिया है जादू ऐसा,
होने लगा हूं बेकाबू जैसा।

महसूस होता है हर पल खुशनुमा सा,
चांदनी की छटा से आसमां हुआ जवां सा।

बात हो जाती है तो दिन हसीं बन जाता है,
रात में एक सपना दिल को ठंडक दे जाता है।

अजीब सी महक है तुम्हारी बातों में,
सब कुछ कह जाता हूं जज्बातों में।

अब ना चाहिए और कुछ रब से,
मिला हूं तुमसे जब से,खोने लगा हूं तब से..

© "नीर"

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