#4 जून की बात है
#जून
चार जून की बात है
उसमें भी कुछ घात है
कौन बनेगा समय का साहु
ये कहना अकस्मात है •••
कहीं दुआ और कहीं दुर्भाव हैं
अगर चलते रहे अपने कर्मपथ तो
जैसे...
चार जून की बात है
उसमें भी कुछ घात है
कौन बनेगा समय का साहु
ये कहना अकस्मात है •••
कहीं दुआ और कहीं दुर्भाव हैं
अगर चलते रहे अपने कर्मपथ तो
जैसे...