क्यों ढूंढता रहता है, कमियाँ खुद में तू....
क्यों ढूंढता रहता है, कमियाँ खुद में तू
कभी अपनी ताकतों का भी ज़िक्र कर।
अच्छा नहीं है यूँ, इस कदर मायूस होना
कभी अपनी ताकतों पर भी फर्क कर।
देख खुद को तू, उसने कितनी खूबसूरती से बनाया है
कुछ कमियां हैं, तो कुछ ताकतों से भी नवाजा है।
करके नमन उनको, उनका शुक्रिया अदा करो, जो दिया है उसने हमें, उसे स्वीकार करो।
© All Rights Reserved
© Rohi
कभी अपनी ताकतों का भी ज़िक्र कर।
अच्छा नहीं है यूँ, इस कदर मायूस होना
कभी अपनी ताकतों पर भी फर्क कर।
देख खुद को तू, उसने कितनी खूबसूरती से बनाया है
कुछ कमियां हैं, तो कुछ ताकतों से भी नवाजा है।
करके नमन उनको, उनका शुक्रिया अदा करो, जो दिया है उसने हमें, उसे स्वीकार करो।
© All Rights Reserved
© Rohi