बसन्त
टहनियों ने बाहें फैलाई
और अपने
दूसरे किनारे को छुआ
शरमाया पेड़ अपने मिलन पे
पत्तियों ने कम्पन किया
फूलों ने...
और अपने
दूसरे किनारे को छुआ
शरमाया पेड़ अपने मिलन पे
पत्तियों ने कम्पन किया
फूलों ने...