...

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#दस्तक

दस्तक हुई है अभी अभी परछाई इन निगाहों में
क्या नई तकदीर की तस्वीर है या दुनिया सिर्फ ख्वाबों की।

दस्तक हुई है अभी अभी हल्की सी हंसी इन लबों में
क्या नई खुशी की आहट है, या सिर्फ किसिका मजाक बनने की।

दस्तक हुई है अभी अभी प्यार की धुन इन कानों में
क्या नई साज की सरगम है,या सिर्फ मुझे बाजा बनाने की।

दस्तक हुई है अभी अभी कदमों की इस आंगन में
क्या नई राह मिलने की आस है,या सिर्फ मुझे नाच नचाने की।
दस्तक हुई है अभी अभी सांसों की दिल के धड़कनों में
क्या नई जीवन का एहसास है,या सिर्फ जिंदगी के रूक जाने की।
दस्तक हुई है अभी अभी इंगीनत विचार की मन में
क्या नई उम्मीद की किरण है,या भ्रम खुद से खुद को मिलने की।
दस्तक हुई है अभी अभी खुशी की खुशी से खुद में
क्या खुशी खुश रह पाएगी खुद से,या उम्मीद करेगी किसी खुशी की ।

© mehakkhushiki #KRK#