7 views
चुप्पी
अब हम बेसबब बात नहीं करते
खुद से दरकिनारी सीख ली हमने
साफ़ बात हो या मैला दिल का फर्श
चुप्पी बुहारी सीख ली हमने
सहरा ऐ जिन्दगी में सूखी धंसती हुई
रेत पर सवारी सीख ली हमने
चुंधिया जाती है अब आँखों में रौशनी
अंधेरो में ही चाँदमारी सीख ली हमने
कर लूँ कोई भी हमसाया ,बदन ए हमसफ़र में
वफाओ में भी गद्दारी सीख ली हमने
खुले मुँह ने बस आह की, आवाज ना की
बस इस तरह ये कलाकारी सीख ली हमने
© Ninad
खुद से दरकिनारी सीख ली हमने
साफ़ बात हो या मैला दिल का फर्श
चुप्पी बुहारी सीख ली हमने
सहरा ऐ जिन्दगी में सूखी धंसती हुई
रेत पर सवारी सीख ली हमने
चुंधिया जाती है अब आँखों में रौशनी
अंधेरो में ही चाँदमारी सीख ली हमने
कर लूँ कोई भी हमसाया ,बदन ए हमसफ़र में
वफाओ में भी गद्दारी सीख ली हमने
खुले मुँह ने बस आह की, आवाज ना की
बस इस तरह ये कलाकारी सीख ली हमने
© Ninad
Related Stories
12 Likes
4
Comments
12 Likes
4
Comments