28 views
जीवन बहती नदी की धारा...
जीवन बहती नदी की धारा,
उसमें बहते हम तृण समान।
प्रयास व्यर्थ है हमनें जाना,
निश्चल होकर पार है जाना।
जीवन बहती नदी की धारा,
उसमें बहते हम तृण समान।
अविरल बहे यह मनुज देह,
नहीं किसी से करके स्नेह।
ज्ञेय रहे मन भव पार उतरना,
ध्येय रहे जीवन का अपना।
जीवन बहती नदी की धारा,
उसमें बहते हम तृण समान।
© SÀTYÀM_pd #SPD_
उसमें बहते हम तृण समान।
प्रयास व्यर्थ है हमनें जाना,
निश्चल होकर पार है जाना।
जीवन बहती नदी की धारा,
उसमें बहते हम तृण समान।
अविरल बहे यह मनुज देह,
नहीं किसी से करके स्नेह।
ज्ञेय रहे मन भव पार उतरना,
ध्येय रहे जीवन का अपना।
जीवन बहती नदी की धारा,
उसमें बहते हम तृण समान।
© SÀTYÀM_pd #SPD_
Related Stories
78 Likes
3
Comments
78 Likes
3
Comments