सागर
#अनमोलप्रियवस्तु
ये आंखें जब भी सागर को देखती है,
इसकी लहरें जैसे हमें अपनी बांहों मे समेटती है।
ये आंखें जब भी सागर को देखती है।
इसकी शांती जैसे कोई राज छुपाया है,
खारे जल के संग खुशियों का लहर उठाया है।
दूर-दूर तक देखा कुछ नजर न आया है,
बस पानी-ही-पानी दिखता गया...
ये आंखें जब भी सागर को देखती है,
इसकी लहरें जैसे हमें अपनी बांहों मे समेटती है।
ये आंखें जब भी सागर को देखती है।
इसकी शांती जैसे कोई राज छुपाया है,
खारे जल के संग खुशियों का लहर उठाया है।
दूर-दूर तक देखा कुछ नजर न आया है,
बस पानी-ही-पानी दिखता गया...