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सागर
#अनमोलप्रियवस्तु

ये आंखें जब भी सागर को देखती है,
इसकी लहरें जैसे हमें अपनी बांहों मे समेटती है।
ये आंखें जब भी सागर को देखती है।
इसकी शांती जैसे कोई राज छुपाया है,
खारे जल के संग खुशियों का लहर उठाया है।
दूर-दूर तक देखा कुछ नजर न आया है,
बस पानी-ही-पानी दिखता गया है।
देख कभी जा इसके अन्दर,
एक प्यारी दुनिया बसाया है।
रंग बिरंगी मछलीयां ,
न जाने कितने जीव को समाया है।
समुंदर जीने का एक सलीका सिखाती है,
कितने भी बड़े हो जाये पर ,
छोटी चीजो से प्यार करना,
जैसे अपने अंदर ये सारी नदियों को समाती है।
तभी तो समुंदर इतने प्यार से लहराती है,
अपनी खुशियों का सरगम किनारों पर लुटाती हैं।
ये आंखें जब भी सागर को देखती है,
इसकी लहरें जैसे हमें अपनी बांहों में समेटती है।

© Savitri..