#सूरज से सीखो#
है नील गगन गुंजायमान
मानव की ही ललकारों से,
तम को सूर्य अकेला ही काफी
कुछ होता...
मानव की ही ललकारों से,
तम को सूर्य अकेला ही काफी
कुछ होता...