...

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#titleless
किसी से बात करना पसंद नहीं मुझे
मैं सिर्फ खुद से बात करती हूं
ज़ख्म आज भी भरा नहीं
मैं बस अपने दर्दों का हिसाब लिखती हूं

भीड़ आस पास है
मैं फिर भी तनहा फिरती हूं
अकेले में तो सिर्फ
शीशेे से दो चार सवाल करती हूं



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