...

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इश्क के रास्ते
सब मिले होगे तूझे हंसते हंसते
क्या कोई मेरी तरह खफा मिला
इस बार तो दाग नहीं मिले होगे
क्या हर एक सफेद सफा मिला
तू फिर से जा आया इश्क के रास्ते
तो बता इस रास्ते पे क्या मिला
क्या तुम्हे मुझ सा कोई खुदगर्ज दिखा
क्या तुम्हे मुझ सा कोय बेहया मिला


नए इश्क की रंगीनियां मुबारक तुम्हे
मैं चेहरे पे कालिख पुता आया हूं
तुम्हे लगता है कागज के टुकड़े मगर
साथ खत के मैं दिल भी जला आया हूं
वो जो हसरत थी दिल की मिटा दी कभी
वो ख्वाहिशे अब ना जवां होगी
अब जो कोई इश्क का ख्याल उठा
एक दुनियां फिर से तबाह होगी
खैर उस बात को छोड़ो ये बताओ
तुम्हे क्या पुराना क्या नया मिला
तू फिर से जा आया इश्क के रास्ते
तो बता इस रास्ते पे क्या मिला
क्या तुम्हे मुझ सा कोई खुदगर्ज दिखा
क्या तुम्हे मुझ सा कोई बेहया मिला


© शायर मिजाज