जो नहीं कहा
हम ख़ुद को मोहब्बत में समझे
कर बैठे रंजीशें एहले यार से
जो ना कहा उन्होंने, सुन लिया हमने,
देख लिया सब, बिन दीदार के
काश वो भी सुन लेते जो मैं कह न सकी
मेरी हर मुस्कुराहट पे वो खुद पे इतराए
इस हंसी के पीछे का दर्द वो समझ न पाए
काश वो भी कह देते जो मैं सुन न सकी
वो ओस बोले मैं बारिश समझी
वो धुआं बोले मैं बादल...
कर बैठे रंजीशें एहले यार से
जो ना कहा उन्होंने, सुन लिया हमने,
देख लिया सब, बिन दीदार के
काश वो भी सुन लेते जो मैं कह न सकी
मेरी हर मुस्कुराहट पे वो खुद पे इतराए
इस हंसी के पीछे का दर्द वो समझ न पाए
काश वो भी कह देते जो मैं सुन न सकी
वो ओस बोले मैं बारिश समझी
वो धुआं बोले मैं बादल...