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ज़िंदगी के रंग हज़ार
माना कि ज़िंदगी इम्तिहान लेती है
कभी आंसू तो कभी खुशियों की
सौगात देती है
सलीका हर किसी का जुदा जुदा होता है
जो जागता है वो पाता है
जो सोता है वो खोता है
कहां हमने भी कभी सोचा होगा
कि मौक़े यूं जीने के बारे बार मिलते नहीं
पतझड़ के मौसम में
गुलशन कभी खिलते नहीं
पर हिम्मत और तक़दीर
सब को जीना सिखाती है
हो गर ऊपरवाले पर भरोसा
तो नैया पार ये लगाती है
ज़िंदगी को यूं कोसते रहोगे
तो ज़िंदगी तुम्हें मायूस करेगी
गर खुल कर करोगे इसे स्वीकार
तो दामन ये खुशियों से भरेगी
© Aphrodite
कभी आंसू तो कभी खुशियों की
सौगात देती है
सलीका हर किसी का जुदा जुदा होता है
जो जागता है वो पाता है
जो सोता है वो खोता है
कहां हमने भी कभी सोचा होगा
कि मौक़े यूं जीने के बारे बार मिलते नहीं
पतझड़ के मौसम में
गुलशन कभी खिलते नहीं
पर हिम्मत और तक़दीर
सब को जीना सिखाती है
हो गर ऊपरवाले पर भरोसा
तो नैया पार ये लगाती है
ज़िंदगी को यूं कोसते रहोगे
तो ज़िंदगी तुम्हें मायूस करेगी
गर खुल कर करोगे इसे स्वीकार
तो दामन ये खुशियों से भरेगी
© Aphrodite
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