ओ राही तू चलते जाना
ओ राही तू चलता चल मंजिल होने वाली तेरी है,
थाम ले मेहनत का हाथ
फैसले कि घड़ी में अब भी देरी है।
मुश्किलो से तू घबराना नहीं
राह से भटक जाता नहीं
अगर लड़खड़ा जाए तेरे कदम कुछ सुनकर,
तब संभलना,
क्योंकि वह शोर है तराना नहीं।
गर कोई राह से भटकाए ,
झूठे ख्वाबों में फसलाए ,...
थाम ले मेहनत का हाथ
फैसले कि घड़ी में अब भी देरी है।
मुश्किलो से तू घबराना नहीं
राह से भटक जाता नहीं
अगर लड़खड़ा जाए तेरे कदम कुछ सुनकर,
तब संभलना,
क्योंकि वह शोर है तराना नहीं।
गर कोई राह से भटकाए ,
झूठे ख्वाबों में फसलाए ,...