...

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ओ राही तू चलते जाना
ओ राही तू चलता चल मंजिल होने वाली तेरी है,
थाम ले मेहनत का हाथ
फैसले कि घड़ी में अब भी देरी है।
मुश्किलो से तू घबराना नहीं
राह से भटक जाता नहीं
अगर लड़खड़ा जाए तेरे कदम कुछ सुनकर,
तब संभलना,
क्योंकि वह शोर है तराना नहीं।
गर कोई राह से भटकाए ,
झूठे ख्वाबों में फसलाए ,
जितना चड़ा था तु ऊपर
उतना ही नीचे गिर जाए ,
और लगे जैसे सब है खत्म होने वाला,
तब खोजना साहस की चाभी
और खोलना किस्मत का ताला |
न होना तु निराश
तेरी मेहनत और साहस है तेरे साथ|
करेगा तू अपनी मंजिल को हासिल
उज्ज्वल होगा भविष्य तेरा
जल्द ही खतम होगा ये अन्धियारा
और मिलेगा कामयाबी का सवेरा |
फिर भी तू नए-नए ख्वाब सजाते जाना
ओ राही तू रूकना नहीं बस आगे ही बड़ते जाना ,
ओ राही तू चलते जाना
ओ राही तू चलते जाना।
© VSAK47