रे मृत्यु! तुम कब आओगी
रे मृत्यु! तुम कब आओगी
हर एक जगह से टूट गई हूँ
सारी की सारी बिखर गई हूँ
नहीं बचा कोई यहाँ पर अपना
हर एक शख्स से बिछड़ गई हूँ
पल-पल घुटती एक रूह पर ...
हर एक जगह से टूट गई हूँ
सारी की सारी बिखर गई हूँ
नहीं बचा कोई यहाँ पर अपना
हर एक शख्स से बिछड़ गई हूँ
पल-पल घुटती एक रूह पर ...