...

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किश्तों में लिखता हूं
कभी कविता कभी गीत कभी ग़ज़लों में लिखता हूं
तुम्हारे इश्क को कुछ इस तरह किश्तों में लिखता हूं।

मेरे हर हर्फ में तुम हो मेरी हर बात में तुम हो
तुम्हारे नाम को कुछ इस तरह किस्सों में लिखता हूं।

मेरे हर साज़ में तुम हो मेरे हर बोल में तुम हो
तुम्हारी याद को कुछ इस तरह नगमों में लिखता हूं।

मेरी हर आस में तुम हो मेरी हर आह में तुम हो
तुम्हारे दर्द को कुछ इस तरह लफ़्ज़ों में लिखता हूं।

मेरी हर सांस में तुम हो मेरी हर धड़कन में तुम हो
तुम्हारे ख़्वाब को कुछ इस तरह नींदों में लिखता हूं।

मेरे हर वादे में तुम हो मेरे विश्वास में तुम हो
तुम्हारी चाहतों को कुछ इस तरह रिश्तों में लिखता हूं।

तुम्हारे इश्क को कुछ इस तरह किश्तों में लिखता हूं.


© Mγѕτєяιουѕ ᴡʀɪᴛᴇR✍️
@Ashishsingh #Ashishsingh #mysteriouswriter