...

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सहजादी
उसके होठ, गाल, आँखे, झुल्फे ,उसके नक्स अक्स हाये वो सहजादी,
उसको देखकर गजलकार गजले लिखने लग जाते हैं,
शायर शेर सुनाने लग जाते हैं,
ये नन्हे नन्हे पंछी गुनगुनाने लग जाते हैं,
मूर्तिकार खुदा की मूर्ति छोड़कर उसे तराशने लग जाते हैं,
उस सहजादी को पाने के लिए...