मिटती नहीं मोहब्बत की निशानियाँ
मिटाए सी मिटती नहीं मोहब्बत की निशानियाँ उनकी,
भुलाए से भूल ना पाएं ऐसी हैं कहानियाँ उनकी।
जिस्म-ओ-जाँ में शामिल रहती हैं बनकर महक सी,
याद आती हैं आज भी रह-रहकर कद्रदानियाँ उनकी।
साज़-ए- दिल में बज उठता है तरन्नुम आज भी नाम से उनके,
अश्कों...
भुलाए से भूल ना पाएं ऐसी हैं कहानियाँ उनकी।
जिस्म-ओ-जाँ में शामिल रहती हैं बनकर महक सी,
याद आती हैं आज भी रह-रहकर कद्रदानियाँ उनकी।
साज़-ए- दिल में बज उठता है तरन्नुम आज भी नाम से उनके,
अश्कों...