" एक नोकझोक..."
"नोकझोक" जानें अंजाने व्यथा वो अपना बयां कर गई...
उम्र..उम्र मैरी भी अब तुम्हारे उम्र के पास हो चली है,
कि अब थकान तुम्हे ही नहीं मुझे भी लगने लगी है,
बहुत समझा तुमको.. अब बारी तुम्हारी है...
थोड़ा तुम भी अब समझो मुझे
अब घुटनों में.. पैरों में.. मेरे भी दर्द सा रहने लगा है..
सहन शक्ति तुम्हारी ही नहीं अब मैरी भी कम होने लगी है..
कि अब तुम्हारे मुंह...
उम्र..उम्र मैरी भी अब तुम्हारे उम्र के पास हो चली है,
कि अब थकान तुम्हे ही नहीं मुझे भी लगने लगी है,
बहुत समझा तुमको.. अब बारी तुम्हारी है...
थोड़ा तुम भी अब समझो मुझे
अब घुटनों में.. पैरों में.. मेरे भी दर्द सा रहने लगा है..
सहन शक्ति तुम्हारी ही नहीं अब मैरी भी कम होने लगी है..
कि अब तुम्हारे मुंह...