...

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#युग संवाद
#युग संवाद
सतयुग में था साथ सत्य का
राम अवतरित त्रेता में।
द्वापर युग में कृष्ण हुए
गिने जाते प्रेम प्रणेता में।
अब कलयुग है कल्कि का युग
कलुश भावना है घर घर।
देख के औरों का सुख सम्बल
रह जाते सब जल भुन कर।
चारों ओर त्रासदी फैली
मचा हुआ है हाहाकार।
एक प्रतीक्षा शेष हृदय में
कब होगा कल्कि अवतार।


© Kaushal